उरई(जालौन)। बुधवार को सदर तहसील कार्यालय में मूंग बेंचने के लिये लेखपाल के पास खसरा बनवाने पहुंचे कुसमिलिया के किसान को लेखपाल ने खसरा नहीं बनाने की बात कही तो किसान बोला आप यह लिखकर दे दो इसी बात से लेखपाल भड़क गये ओर कहासुनी के बाद किसान के साथ मारपीट कर दी। यह नजारा देखकर तहसील कार्यालय में अफरा तफरी का माहौल बन गया बाद में तहसीलदार व अन्य कर्मी भी मौके पर जा पहुंचे और किसान को लेखपाल के कमरे से पकड़कर दूसरे कमरे में बंद कर लिया। बाद में पीड़ित किसान ने उप जिलाधिकारी को संबोधित दिये गये शिकायती पत्र दिया जिसमें तहसीलदार, लेखपाल सहित पांच लोगों पर मारपीट करने का आरोप लगाया है।
सदर तहसील क्षेत्र के ग्राम कुसमिलिया निवासी किसान रोहित पुत्र स्व. अशोक राजपूत ने बताया कि वह पिछले कई दिनों से अपने खेत में बोयी मूंग की फसल का खसरा बनवाने के लिये लेखपाल के पास आ रहा था और लेखपाल हर बार उसे बहाना बनाकर खसरा बनाने से इंकार देते थे। बुधवार को रोहित राजपूत फिर खसरा बनवाने के लिये लेखपाल रोहित पटेल के पास पहुंचा जहां उसने लेखपाल से खसरा बनाने का अनुरोध किया तो लेखपाल ने खसरा बनाने से साफ तौर पर इंकार कर दिया इस पर किसान ने कहा कि यदि आप खसरा नहीं बनाओगे तो मैं अपनी मूंग सरकारी क्रय केंद्र पर बिक्री नहीं कर पायेंगे। इसी बात को लेकर किसान की लेखपाल से कहासुनी शुरू हुई तो गाली गलौज शुरू हो गयी जब तक मौके पर मौजूद किसान कुछ समझ पाते किसान के साथ मारपीट शुरू हो गयी। यह नजारा देखकर तहसील कार्यालय में अफरा तफरी का माहौल बन गया तभी हो हल्ला सुनकर कार्यालय में बैठे तहसीलदार अन्य कर्मियों के साथ लेखपाल कक्ष में पहुंचे जहां से किसान को पकड़कर दूसरे कमरे में ले गये। पीड़ित किसान रोहित राजपूत ने उक्त संबंध में उप जिलाधिकारी सदर को दिये गये शिकायती पत्र में आरोप लगाया कि लेखपाल, तहसीलदार व अन्य तीन कर्मचारियों ने उसके साथ अभद्रता करते हुये मारपीट की है। शिकायती पत्र में पीड़ित किसान ने चार किसानों के नाम भी गवाह के रूप में लिखे जिसमें लोकपाल, अमित, धर्मेन्द्र, विपिन पालीवाल के नाम शामिल हैं। हालांकि उक्त संबंध में तहसीलदार व उप जिलाधिकारी क्या कार्यवाही की इस बात की जानकारी समाचार लिखे जाने तक नहीं मिल पायी थी।
Post a Comment