शिया समुदाय ने आलम जुलूस निकालकर किया मातम


उरई(जालौन)। मोहर्रम की छठवीं पर शहर में शिया समुदाय का अलम का जुलूस अम्बेडकर चौराहा के समीप रजा हुसैन के इमामबाड़े से उठा। इससे पहले रजिस्ट्री ऑफिस के समीप शुजाअत हुसैन, मोहनपुरा स्थित हाजी जरगाम के यहां मजलिस की गई। इस दौरान मौलाना ने कहा, रसूले अकरम हजरत मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन को यजीद की फौज ने कर्बला में घेरकर आतंकवाद की पहली घटना को अंजाम दिया था।

 यजीदी फौज की आगे इमाम हुसैन ने अपना सिर नहीं झुकाया बल्कि अपने सिर के साथ अपने 71 जानशीनों को भी कुर्बान किया। जुलूस अपने पुराने मुकामी रास्तों से होते हुये रात नौ बजे बजारिया पहुंचा।  जहां से शिया समुदाय के बच्चों-युवाओं और बुजुर्गों ने छुरी, जंजीर से मातम मनाया। बजरिया में चारों तरफ या अली या हुसैन और या अब्बास की सदाएं बुलंद होती रहीं। इस दौरान आशिक हुसैन, चुन्ना हुसैन, हाजी अली मेहंदी, अली अख्तर आब्दी, चांद मियां, इशरत आब्दी, शबाब हुसैन, शादाब हुसैन सहित कई लोग मौजूद रहे।
फोटो परिचय-शहर में आलम जुलूस निकालते शिया समुदाय के लोग

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