मुहर्रम की 10 वीं यौमे आशूरा को खानकाह मस्जिद में सुबह नमाज व दुआ ए आशूरा हो


कालपी(जालौन) मोहर्रम के महीने की याद में हर जगह लोग कर्बला वालों की शहादत को याद करके उनके नाम पर लंगर व मजलिस जुलूस वगैरा खूब करते हैं।मुफ्ती-ए-शहर व खानकाह मस्जिद के खतीबो इमाम मुफ्ती अशफाक अहमद बरकती ने बताया कि पिछले कई सालों से 10 वीं मोहर्रम को दुआ ए आशूरा इज़तिमाई तौर पर  6 जुलाई को सुबह 9ः30 बजे खानकाह शरीफ की मस्जिद में परंपरागत तौर पर अदा की जाएगी। 
  दारुल उलूम गौसिया मजीदिया के नाज़िमे आला अलहाज हाफिज इरशाद अशरफी ने बताया कि 10 मोहर्रम(यौमे आशूरा) को सूरज निकलने के बाद से शाम को सूरज डूबने से पहले नमाज व दुआ किसी भी टाइम में पढ़ सकते हैं हमारी किताबों में  इसे पढ़ने का बहुत ही सबाब बताया गया है जो हर मुसलमान को पढ़ना चाहिए। इस मुबारक मौके पर 9 व 10 मोहर्रम का रोजा रखने की बड़ी फजीलत है।
तकिया  मस्जिद के इमाम हाजी मुजीब अल्लामा ने भी बताया कि ये महीना मोहर्रम शरीफ का बड़ा अजमत वाला है जिसे हम लोगों को चाहिए कि इसमें  हम कर्बला वालों को याद करके उनकी शान में महफिले सजाए खूब लंगरे हुसैनी करें और हम उन गलत कामों से बचें जिसे हमें शरीयत में मना किया है।
फोटो परिचय- जानकारी देते हाफिज इरशाद अशरफी

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