उरई(जालौन)। हजरत सैय्यद फरीदउद्दीन गंजे खां उर्फ सरकने पीर के उर्स-ए-मुबारक के पहले दिन मंगलवार की रात चादरपोशी के बाद बज्मे नातिया मुशायरा आयोजित हुआ। इस दौरान शायरों ने आका-ए-नामदार रहमते परवरदिगार की शान मे नात नबी पढ़ी तो माहौल खुशनुमा हो गया।
गंजमुरादाबाद से आये पीर मारूफ मियां की सदारत में हुए नातिया मुशायरे में झोकनपुरी से आये शायर शकील अख्तर ने पढ़ा, फरीदउद्दीन के दर से दिखाई देती है जन्नत, क़ोई अपना पराया क्या, यहां पर जो भी आता है, बड़ी सबकी यहां पर अजमत, फरीदउद्दीन के दर पर, कासिफ रहमानी औरया ने पढ़ा, या फजले रहमा...मुश्किले मेरी कीजिये आसान, या फजले रहमा। मुस्तकीम फरहत कानपुरी ने पढ़ा, जिस किसी के दिल के गौसे मे हो उल्फत आपकी, रोजे महशर पायेगा वो ये शफाअत आपकी। शमीर रजा इलाहबादी ने पढ़ा, खुशियाँ है बहुत पर ये ख़ुशी सबसे अलग है,कौनेन मे मिलादेनबी सबसे अलग है। शायर इजहार बरेली ने पढ़ा, गौस पिया जिलानी, गौस पिया जिलानी, आपके नाना जान के सदके, पाया दाना पानी। अमन रजा उरई ने पढ़ा, हर एक दिल का ये नारा है, मदीना कितना प्यारा है। शबीउद्दीन ने पढ़ा, नजर को बक्श दो ऐसा असर गरीब नवाज, नजर उठाऊ तो आओ नजर गरीब नवाज। इससे पहले दिलशाद रजा ने पढ़ा, चाहने वालों का ईमान बने बैठे हैं, यानि इंसान की पहचान बने बैठे हैं, हिन्द वालों मेरे ख्वाजा की करामत देखो, आठ सौ साल से सुल्तान बने बैठे हैं। हाफिज एजाजुल हक, हाफिज अब्दुल कादिर, हाफिज अकील रजवी, हाफिज अख्तर, हाफिज नौशाद ने नात पाक पढ़कर वाहवाही लूटी। इसके बाद पीर मारूफ मियाँ ने नातिया मुशायरे मे आये लोगो को सम्बोधित करते हुये कहा कि सारे इंसान खुदा के बंदे है, दुनियां मे हमदर्दियों के साथ जिया जाए और इबादतों पर घमंड न कर इंसान के जज्बात की कद्र की जाए। इससे पहले उर्स कमेटी के अध्यक्ष तालिब व कोषाध्यक्ष तारीख अली और तौफीक खान ने आये हुये उलमाये इकराम को बेच लगाकर और माला पहनाकर इस्तक़बाल किया। वही कार्यक्रम का संचालन कर रहे नाजिर रजा बरेली ने अपने इल्मों हुनर से सारी रात मजमे को नबी की हदीसों के हवाले से बांधे रखा। इस मौके पर कोषाध्यक्ष तारिक अली तौफीक खान, एडवोकेट आफाक उल्ला, फरहत उल्ला, आमिर पठान, रमजान बेग, आजम शेख, आशिक , मोनिशखान, राजू खान, मतीन उल्ला,जुऐब , हाजी कौसर, इमरान अरमान, फैजान अली, आगोश रहमानी, शाहरुख खान, मौजूद रहे।
फोटो परिचय- चादरपोशी के बाद बज्मे नातिया मुशायरा
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