0 सोलह सौ करोड़ की परियोजना मे 16 पैसे का लाभ नहीं ले पाए ग्रामीण
उरई(जालौन)। जनपद के महेवा ब्लॉक मे 59 ग्राम पंचायतो मे तक़रीबन आधे से ज्यादा गांव पंचायतो मे नमामि गंगे परियोजना के तहत ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने भारी भरकम बजट देकर इस योजना का चयन किया था। लेकिन अधिकारियो की लापरवाही और ठेकेदार की मनमर्जी के आगे जिले का सरकारी तंत्र बेबस नजर आ रहा है क्योंकि इस परियोजना को पूर्ण करने के लिए शासन से निश्चित समय पर काम ना हो पाने से 6माह का अतरिक्त समय और बढ़ाया गया था लेकिन अब तों दो वर्ष से अधिक का समय बीत जाने के बाद अभी तक इस महेवा ब्लॉक की सारी परियोजना अधर मे लटकी हुई है। फिर भी अधिकारी गिने चुने जगहों पर ही नजर बनाकर बैठे हुए है।
और ज़ब भी किसी शासन स्तर से कोई भी टीम जांच करने आती है तों जिले के अधिकारयो को महज शला परियोजना को दिखा कर इत श्री कर ली जाती है। लेकिन महेवा ब्लॉक की ग्रामीण पंचायतो की एक भी परियोजना का स्थलीय निरीक्षण आज तक नहीं किया गया है जिसके चलते इस ब्लॉक की सारी परियोजनाओं मे सैकड़ो प्रकार की कमिया आई है।जिसमे पिपरोंधा हथनोरा टिकावली नूरपुर महेवा हररायपुर मे ग्रामीण पेयजल परियोजना के बनी पानी की टंकियों और चहार दीवारियों और वहा पर निर्मित कमरों की दीवारे धरासाई होने की कगार परहै । वही नमामि गंगे परियोजना के द्वारा बनाई गई पानी की टंकिया दो वर्ष बीतने के बाद अभी तक एक बूँद पानी नहीं निकाल पाई है।नमामि गंगे परियोजना से निर्मित ग्रामीण पेयजल आपूर्ती हेतु बनाई गई पानी की टंकिया शो पीस बन कर खड़ी है।
इन पानी की टंकियों से अभी तक एक बूँद पानी निकल कर बाहर नहीं आया है। और ना ही इस परियोजना के बारे मे जिला स्तर पर महज नाम के लिए बैठाए गए ए डी एम नमामि गंगे ने बीते 6 माह मे एक भी बार यह जहमत नहीं उठा पाई है कि आखिर इस ब्लॉक मे इस परियोजना की हालत क्या है और अभी तक इनकी प्रोग्रेस क्या है। क्योंकि उन्हें ऐसी से बाहर निकलने मे जो बड़ी तकलीफ होती है। । और उसी लापरवाही के चलते इस ब्लॉक के ग्राम पंचायतों मे एक दर्जन से अधिक निर्मित पानी की टंकिया शो पीस बन कर गांव वालों का मुँह चिढ़ा रही है।
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क्षतिग्रस्त सड़कों को नहीं सुधर पाई कार्यदाई संस्था
इस परियोजना के तहत जिन गांव पंचायतो के अंदर पाइप लाइन डाली गई है उन गलियों में आज भी ग्रामीणों का निकलना दूभर है।
इस परियोजना मे काम करने बाले ठेकेदारों ने दवंगई के चलते प्रधानों और ग्रामीणों के मना करने के बाबजूद गांव की गलिया खोद तों डाली लेकिन वह गलिया आज तक खुदी पड़ी है।
वही जिला प्रशासन उलटे प्रधानों के खिलाफ कारवाही करने की बात तों करता है पर इन ठेकेदारों के खिलाफ कार्यवाई करने से कन्नी काटता नजर आ रहा है।ज़ब इस परियोजना मे जो भी परियोजना अधूरी पड़ी है उसका जिम्मेदार कोई और नहीं बल्कि नमामि गंगे परियोजना के अधिकारी और ठेकेदार है और ठीकरा प्रधानों के ऊपर फोडा जा रहा है।
फोटो परिचय-शो पीस बनी ख़डी टिकावली गांव की परियोजना की टंकी
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