सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रामपुरा की चिकित्सा व्यवस्थाएं चरमराई

(राकेश कुमार)
0होम्योपैथी डॉक्टर लिख रहे हैं बाहर की  एलोपैथिक दवाये
रामपुरा(जालौन)। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रामपुरा की व्यवस्थाएं बद से बत्तर हो चुकी हैं। जमकर लिखी जा रही हैं बाहर की दवाएं। गरीब मरीज परेशान हो रहे हैं।
नगर में निनावली स्टैंड निनावली सड़क पर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रामपुरा गरीब जनता से धन उगाही का अड्डा बनता जा रहा हैं। अस्पताल में ओपीडी देखने वाले 3 से 4 डॉक्टर होम्योपैथिक हैं। लेकिन आजकल अस्पताल में होम्योपैथिक दवाये ही मरीजों को नहीं बांटी गई। सभी डॉक्टर बाहर मेडिकल की एलोपैथिक दवाये लिख रहे हैं। अस्पताल में पर्याप्त दवाई होने के वावजूद वही दवाए बाहर की लिखी जा रही हैं। बाहर की दवाओं में सबसे ज्यादा होम्योपैथिक डॉक्टर अरुण जादौन प्रथम स्थान प्राप्त किये हैं। डा. जादौन द्वारा एक खास ब्रांड लिंकन मोनोपॉली की ही दवा लिखी जाती हैं जो अस्पताल के बाहर एक खास चिन्हित मेडिकल पर ही उपलब्ध रहती हैं। जबकि शासन का आदेश हैं कि होम्योपैथिक डा. एलोपैथिक दवा मरीजो को नहीं लिखी जाये। जबकि डा. जादौन खुलेआम शासन के आदेश की धज्जियां उड़ा रहे हैं।

 अस्पताल के एमटीएस जिनका काम ओटी के उपकरणों को साफ करना है वो अस्पताल में फार्मासिस्ट का काम इंजेक्शन, बोतल लगाना, टांके लगाना आदि कर रहे हैं। अस्पताल में कभी भी फार्मासिस्ट दवाओं का वितरण नहीं करते। अस्पताल के पर्चाे पर मरीज को दी जाने वाली दवाओं का डोज भी नहीं लिखा जाती। ऐसे में मरीज भगवान भरोसे य एमटीएस की राय से दवाओं का सेवन करते हैं। किसने एमटीएस को ये काम करने की अनुमति दी है। आखिर मरीजो के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किसके कहने पर किया जा रहा हैं। अस्पताल में मरीजों के बनने वाले पर्चे पर न तो मरीज की बीमारी के बारे में कुछ नहीं लिखा जाता। लेकिन पर्चे पर बाहर की दवाई ठूस ठूस कर डा. जादौन के द्वारा लिखी जा रही हैं। ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के डॉक्टरों व फार्मासिस्ट के द्वारा खिलवाड़ किया जा रहा हैं। आखिर कब सुधरेगी देहात क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्था। आखिर सरकारी अस्पताल में अपना इलाज कराने आये मरीजों की जेब पर कैची चलना कब बंद होगी। चिकित्सा अधीक्षक प्रदीप कुमार राजपूत ने बताया कि बाहर की दबा को लेकर मामला प्रकाश में आया है कार्यवाही की जायेगी। अस्पताल से बाहर की दवाई लिखना सख्त मना कर दी गई है।

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