रमजान के महीने में खोल दिए जाते हैं जन्नत के दरवाजे - हाफिज


--प्राचीन मस्जिद ए नूर में नमाज-ए-तरावीह मुकम्मल होने पर कार्यक्रम 
कालपी(जालौन)। बीती रात स्थानीय नगर के सदर बाजार स्थित मस्जिद ए नूर में 6 वां रोजा व नमाज-ए-तरावीह सात दिनों में मुकम्मिल होने पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
   मस्जिद के परिसर में नमाज-ए-तरावीह हाफिज आसिफ 7 दिन ने मुकम्मल कराई गई। तरावीह मुकम्मल होने के उपरांत आयोजित कार्यक्रम में मस्जिद के सदर आरिफ खान ने हाफिज आसिफ का गुलपोशी कर जोरदार तरीके से सम्मान किया। साथ ही गले लगाकर उनको नमाज-ए-तरावीह मुकम्मल कराने पर मुबारकबाद दी गई। वहीं मस्जिद नूर के सदर ने हाफिज आसिफ को कई जरूरी सामान भेंट कर के ईनाम तथा नवाजा गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हाफिज आसिफ ने नमाजियों तथा मौजूद लोगों से कहा कि नमाज-ए-तरावीह मुकम्मल हो जाने का यह मतलब नहीं कि अब तरावीह नहीं पढ़नी है। तरावीह तो पूरे रमजान माह तक पढ़ी जाती है। ऐसे में सभी लोग कल से एक बार फिर नमाज-ए-तरावीह पढ़ें। अगर किसी मस्जिद में नमाज-ए-तरावीह नहीं हो रही है। तो नमाज-ए-सूरह तरावीह पढ़ सकते हैं। फिलहाल नगर की कुछ मस्जिदों पर जहां तरावीह मुकम्मल हो गई है। वहां पर नमाज-ए- सूरह तरावीह का एहतमाम किया जा रहा है। इस मौके पर आरिफ खान, शेरु खान, नासिर, वाजिद, सवान खान, अमन हुसैन, कासिफ, राजा खान, फैसल खान, शकील खान, काज़िम हुसैन, आबिद खान,उवैस हुसैन, साजिद, समेत तमाम नमाजियों के अन्य लोग मौजूद रहें।
फोटो परिचय- हाफिज आसिफ को सम्मानित करते नमाजी

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