उरई(जालौन)। जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय के स्पष्ट निर्देशों के क्रम में आज विकास भवन स्थित विभिन्न विभागों का आकस्मिक निरीक्षण कर प्रशासन ने कार्यसंस्कृति को लेकर कड़ा संदेश दिया। प्रातः 10:05 बजे से 10:40 बजे के मध्य नगर मजिस्ट्रेट राजेश कुमार वर्मा एवं जिला विकास अधिकारी निशान्त पाण्डेय द्वारा किए गए निरीक्षण में कुल 22 अधिकारी/कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए सभी के वेतन रोकने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान विभिन्न विभागों—लघु सिंचाई, नेडा, युवा कल्याण, श्रम एवं रोजगार, समाज कल्याण, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, डूडा एवं रेशम विभाग—में कार्यरत कई अधिकारी/कर्मचारी बिना सूचना अनुपस्थित मिले। इस गंभीर लापरवाही को देखते हुए सभी अनुपस्थित कर्मियों के वेतन तत्काल प्रभाव से रोकने के निर्देश दिए गए।
जिलाधिकारी ने कहा कि सरकारी कार्यालयों में अनुशासन, समयपालन और जनसेवा सर्वोपरि है। अधिकारी एवं कर्मचारी अपनी कार्यप्रणाली में तत्काल सुधार लाएं, समय से कार्यालय पहुंचें और जनता की समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण सुनिश्चित करें। उन्होंने चेतावनी दी कि आकस्मिक निरीक्षणों का सिलसिला निरंतर जारी रहेगा। यदि इसके बावजूद सुधार नहीं हुआ तो शासन को कठोर कार्रवाई हेतु संस्तुति भेजी जाएगी। जिलाधिकारी ने दो टूक कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार लापरवाही और उदासीनता किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं करेगी, और दोषी कर्मियों के विरुद्ध नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई प्रशासन की जीरो टॉलरेंस नीति का स्पष्ट संकेत है, जिससे कर्मियों में कर्तव्यबोध, अनुशासन और जनसेवा के प्रति चेतना सुदृढ़ हो तथा शासन की योजनाओं का लाभ आम जनता तक समयबद्ध रूप से पहुंचे।
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