कालपी (जालौन)। उ.प्र. सेंट्रल वक्फ बोर्ड द्वारा उम्मीद पोर्टल पर वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण की समय-सीमा बढ़ाकर 5 जून तक किए जाने से अल्पसंख्यक समाज को बड़ी राहत मिली है। पहले यह तिथि 6 दिसंबर 2025 निर्धारित थी, जिसे उसी दिन बंद कर दिया गया था, बड़ी संख्या में वक्फ की जायदादें पोर्टल पर दर्ज होने से वंचित रह गई थीं।
उत्तर प्रदेश सेंट्रल वक्फ बोर्ड के नामित कोऑर्डिनेटर हाफिज इरशाद अशरफी ने बताया कि पोर्टल बंद होने के बाद प्रदेशभर से इसकी समय-सीमा बढ़ाने की मांग लगातार उठ रही थी। लोगों की कठिनाइयों और मांगों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार तथा उत्तर प्रदेश वक्फ ट्रिब्यूनल, ने इस प्रक्रिया को पुनः खोलते हुए अंतिम तिथि 5 जून 2026 तक बढ़ा दी है, जो अत्यंत सराहनीय कदम है। बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुफ्ती तारिक बरकाती ने समाज के लोगों से अपील की कि जिन मस्जिदों, मदरसों, कब्रिस्तानों, इमामबाड़ों, दरगाहों एवं अन्य वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण किसी कारणवश पहले नहीं हो सका है, उन्हें निर्धारित समय-सीमा के भीतर उम्मीद पोर्टल पर अवश्य दर्ज कराएं, ताकि भविष्य में किसी प्रकार की कानूनी या प्रशासनिक परेशानी न हो। साथ ही यह भी जानकारी दी गई कि उरई स्थित अल्पसंख्यक समाज कल्याण कार्यालय में अधिकारी भुवनेश निरंजन आमजन के सहयोग के लिए सदैव उपलब्ध रहते हैं। यदि किसी को पंजीकरण से संबंधित कोई जानकारी या सहायता चाहिए, तो वे कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।इस अवसर पर कारी जरीफ खान, हाफिज वसीम, हाफिज नौशाद और कलीम अंसारी सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।
फोटो परिचय- जानकारी देते कोऑर्डिनेटर हाफिज इरशाद अशरफी
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