(हिमांशु खरकया)
उरई(जालौन)। उत्तर प्रदेश सरकार ने जिला स्तर पर कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में ष्जिला स्तरीय क्लस्टर सुविधा इकाई का गठन किया गया है। ज्येष्ठ कृषि विपणन निरीक्षक धीरपाल सिंह, कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार विभाग द्वारा जनपद के किसान उत्पादन संगठन / प्रगतिशील किसानों (हितधारकों) के साथ बैठक जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमे उ०प्र० कृषि निर्यात प्रोत्साहन अनुदान, भौगोलिक उपदर्शन (जी०आई०), एगमार्क वर्गीकरण एवं मंडी अधिनियम (संशोधन) 2018 में प्रदत्त प्राविधानों/ सुविधाओं पर जानकारी प्रदान की गयी।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश कृषि निर्यात नीति 2019 में प्राविधानित प्रोत्साहन / सब्सिडी- कृषि निर्यात उन्मुख क्लस्टर को बनाने, पंजीकरण एवं निर्यात दायित्व पूर्ण होने पर विकास खण्ड की सीमान्तर्गत प्रथम 50 हे० से 100 हे० तक 05 वर्षों में रू० 10 लाख एवं प्रत्येक 50 हे० अतिरिक्त क्षेत्रफल बढने पर रू० 06 लाख अतिरिक्त प्रोत्साहन देय है, उत्पादन का 30 प्रतिशत निर्यात होने की दशा में। जनपद में प्रोत्साहन राशि एफ०पी०ओ०/ एफ०पी०सी०/ किसान समूह अथवा समिति को ही अनुमन्य। जनपद में डकोर मटर प्रोडूसर कम्पनी लिमिटेड उरई (जालौन) एवं सीताराम ओवरसीज प्रोडूसर कम्पनी लिमिटेड उरई (जालौन) के द्वारा हरी मटर के कुल 3 क्लस्टर गठन हेतु प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया गया है। क्लस्टर्स के निकट स्थापित की जाने वाली नवीन प्रसंस्करण इकाईयों के लिए निर्यात आधारित प्रोत्साहन क्लस्टर के निकट नई प्रसंस्करण इकाई, पैकहाउस, शीतगृह एवं राइपेनिंग चौम्बर आदि स्थापित करने एवं निर्यात दायित्व पूर्ण होने पर रू० 25 लाख या टर्न ओवर का 10 प्रतिशत जो भी कम हो निर्यात प्रारम्भ करने के एक वर्ष से न्यूनतम 40 प्रतिशत निर्यात करने पर 05 वर्षों तक देय। कृषि उत्पादों व प्रसंस्कृत वस्तुओं के निर्यात हेतु परिवहन अनुदान की अधिकतम सीमा वास्तविक भुगतान किये गये भाड़े का 25 प्रतिशत होगी तथा परिवहन अनुदान मद में प्रतिवर्ष अधिकतम रू० 20 लाख प्रति निर्यातक / फर्म को देय होगा।
बैठक में किसान उत्पादक संगठन/ किसान उत्पादक कंपनी एवं प्रगतिशील किसानों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
फोटो परिचय- बैठक लेते कृषि विपणन निरीक्षक धीरपाल सिंह,
उरई(जालौन)। उत्तर प्रदेश सरकार ने जिला स्तर पर कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में ष्जिला स्तरीय क्लस्टर सुविधा इकाई का गठन किया गया है। ज्येष्ठ कृषि विपणन निरीक्षक धीरपाल सिंह, कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार विभाग द्वारा जनपद के किसान उत्पादन संगठन / प्रगतिशील किसानों (हितधारकों) के साथ बैठक जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमे उ०प्र० कृषि निर्यात प्रोत्साहन अनुदान, भौगोलिक उपदर्शन (जी०आई०), एगमार्क वर्गीकरण एवं मंडी अधिनियम (संशोधन) 2018 में प्रदत्त प्राविधानों/ सुविधाओं पर जानकारी प्रदान की गयी।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश कृषि निर्यात नीति 2019 में प्राविधानित प्रोत्साहन / सब्सिडी- कृषि निर्यात उन्मुख क्लस्टर को बनाने, पंजीकरण एवं निर्यात दायित्व पूर्ण होने पर विकास खण्ड की सीमान्तर्गत प्रथम 50 हे० से 100 हे० तक 05 वर्षों में रू० 10 लाख एवं प्रत्येक 50 हे० अतिरिक्त क्षेत्रफल बढने पर रू० 06 लाख अतिरिक्त प्रोत्साहन देय है, उत्पादन का 30 प्रतिशत निर्यात होने की दशा में। जनपद में प्रोत्साहन राशि एफ०पी०ओ०/ एफ०पी०सी०/ किसान समूह अथवा समिति को ही अनुमन्य। जनपद में डकोर मटर प्रोडूसर कम्पनी लिमिटेड उरई (जालौन) एवं सीताराम ओवरसीज प्रोडूसर कम्पनी लिमिटेड उरई (जालौन) के द्वारा हरी मटर के कुल 3 क्लस्टर गठन हेतु प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया गया है। क्लस्टर्स के निकट स्थापित की जाने वाली नवीन प्रसंस्करण इकाईयों के लिए निर्यात आधारित प्रोत्साहन क्लस्टर के निकट नई प्रसंस्करण इकाई, पैकहाउस, शीतगृह एवं राइपेनिंग चौम्बर आदि स्थापित करने एवं निर्यात दायित्व पूर्ण होने पर रू० 25 लाख या टर्न ओवर का 10 प्रतिशत जो भी कम हो निर्यात प्रारम्भ करने के एक वर्ष से न्यूनतम 40 प्रतिशत निर्यात करने पर 05 वर्षों तक देय। कृषि उत्पादों व प्रसंस्कृत वस्तुओं के निर्यात हेतु परिवहन अनुदान की अधिकतम सीमा वास्तविक भुगतान किये गये भाड़े का 25 प्रतिशत होगी तथा परिवहन अनुदान मद में प्रतिवर्ष अधिकतम रू० 20 लाख प्रति निर्यातक / फर्म को देय होगा।
बैठक में किसान उत्पादक संगठन/ किसान उत्पादक कंपनी एवं प्रगतिशील किसानों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
फोटो परिचय- बैठक लेते कृषि विपणन निरीक्षक धीरपाल सिंह,
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