कालपी(जालौन)। ग्रामीण एवं नगरी क्षेत्र में लगने वाली आग की दुर्घटनाओं को काबू पाने के लिए अग्निशमन विभाग के द्वारा गांव-गांव में अग्नि सचेतकों को जिम्मेदारी सौंप जा रही है। विभाग के द्वारा 140 अग्नि सचेतकों को प्रशिक्षित किया गया है। अग्नि सचेतकों को भी भविष्य में योजना का लाभ हासिल होगा।
अग्नि शमन केंद्र कालपी के प्रभारी विनोद नायक, फायरमैन प्रदीप कुमार, सर्वेश कुमार, शिवकुमार आदि ने प्रशिक्षण देते हुए अवगत कराया की कहीं पर भी आग लगी तो आग को बुझाने के लिए तीन प्रमुख सिद्धांत हैं। पहले स्टार वेशन (भूख से मारो) यानी की आग को अलग-अलग कर दो इससे आग बुझ जाएगी। दूसरा स्मद रिंग यानि कि अगर आग जल रही है तो बही जगह ऑक्सीजन कट कर देने से आग बुझ जाएगी। तथा ईंधन टेंपरेचर कर दे तथा कूलिंग करके आग पर काबू पाया जा सकता है।
अग्निशमन प्रभारी ने बताया कि फायर ब्रिगेड की टीम पहुंचने के पहले आग लगने वाले स्थान में अग्निशमन सचेतक मौके पर पहुंच कर आग बुझाने में जुट जाएंगे। अग्नि सचेतकों का वाप्स ग्रुप बनाया जा रहा है। कहीं भी आग लगने की घटना की सूचना पर अग्नि सचेतक अलर्ट हो जाएंगे। अग्नि सचेतकों के प्रशिक्षण प्रमाण पत्र प्राइवेट सेक्टर में उपयोगी सरकार की नीति है की अग्नि सचेतकों को प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएंगे। किसी भी बड़ी कंपनियां प्राइवेट फॉर्म अथवा बिल्डिंगों में नौकरी के लिए अग्नि सचेतकों को प्रशिक्षण पत्र से लाभ मिलेगा। तथा प्राइवेट सेक्टर में प्रशिक्षित अग्नि सचेतकों को सफलता से नौकरी उपलब्ध हो जाएगी।
फोटो परिचय- अग्नि सचेतकों को प्रशिक्षण देते विभागीय अधिकारी
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