(राकेश प्रजापति)
जालौन। रामलीला महोत्सव 2025 में विभीषण के भगवान श्रीराम के शरण में जाने, सेतुबंध एवं अंगद-रावण संवाद की लीला का मंचन किया गया। रावण अंगद के बीच हुए चुटीले संवाद का भरपूर आनंद श्रोताओं ने उठाया।
रामलीला रंगमच पर पहले दृश्य की शुरूआत समुद्र किनारे राम की सेना के जमावड़े से हुई। राम सेना समुद्र से आगे जाने का रास्ता तलाश रही है। उधर, रावण दरबार में विभीषण, रावण को समझा रहे हैं कि वह राम से युद्ध न करे। लेकिन रावण उसकी सलाह नहीं मानता है और उसे लात मारकर बाहर निकाल देता है। इसके बाद विभीषण लंका से निकलकर राम की शरण में जा पहुंचता है। शरण में आए हुए विभीषण को श्रीराम लंका का राजा घोषित कर देते हैं। इस दौरान उपस्थित श्रद्धालु श्रीराम के जयकारे लगाते हैं। आगे रावण के दरबार में अंगद पहुंचते हैं। अंगद धर्मदृष्टि का हवाला देते हुए रावण को युद्ध न करने की सलाह देते हैं, लेकिन रावण तर्क-वितर्क शुरू कर देता है। दोनों के बीच चुटीले संवाद आरंभ हो जाते हैं। इनका दर्शक भरपूर लुत्फ उठाते हैं। आखिर में अंगद चेतावनी देकर चले जाते हैं। भगवान राम के जयकारों के साथ लीला का समापन होता है। कार्यक्रम में श्रीराम की भूमिका में मनोज तिवारी, लक्ष्मण शीपू पारासर, हनुमान जी रमेश दुबे, विभीषण प्रयाग गुरू, अगंद दिगंबर तिवारी, रावण उमेश दुबे , मंदोदरी तितली रानी, समुद्र बृजेश शर्मा एवं सुग्रीव की भूमिका में श्याम जादौन ने जीवंत अभिनय कर तालियां बटोरी।
Post a Comment