बालू माफियाआंे क़े साथ सर चढ़ कर बोल रहीं जिम्मेदारों की यारी


0 बेतवा नदी में अवैध खनन कर बालू माफिया हो रहे मालामाल
उरई(जालौन)। बैसे तो सरकार बड़े बड़े नियम बनाकर बालू खनन करने का अधिकार पत्र पट्टा धारक क़ो देती है और उसमे तरह तरह की गाइडलाइन और नियम शर्ते लागू करने क़े साथ बालू खोदने बाले ठेकेदार क़ो सरकार क़े नियमों क़े साथ काम करने का एग्रीमेंट भी करती है। लेकिन वही ज़ब गाँधी जी की तस्वीर छपे हरे हरे नोटों की गड्डिया ज़ब ठेकेदार द्वारा खान अधिकारी या सहायको क़े माध्यम से सिस्टम क़े साथ चलना सुरु होती है तो सारे नियम क़ानून एक तरफ धरे क़े धरे रह जाते है और फिर जो खनन माफिया चाहता है आखिर होता वही है।

अगर नियमों की बात करे तो किसी भी बालू खनन करने बाले ठेकेदार क़ो यह अधिकार नहीं है की वह किसी भी नदी चाहे वह बेतवा हो या फिर यमुना नदी हो की जल धारा क़ो प्रभावित नहीं कर सकता।लेकिन अगर बात करे जनपद जालौन क़े खान अधिकारी की तो वह सर की चोटी से लेकर पाव की एढ़ी तक अवैध खनन कराने में लिप्त है। अगर देखजाए तो जहाँ खनन विभाग जितना अवैध बालू खनन में लिप्त है उतना हीं वन बिभाग भी इसमें कही पीछे नहीं है।आप क़ो बता दे की लक्ष्मी खाद भंडार क़े प्रॉपराइटर भगवानदास गुप्ता पुत्र लक्ष्मीनरायण गुप्ता निवासी महराजपुर कानपुर और सक्षम कांट्रेक्टर क़े प्रॉपराइटर देवेंद्र गुप्ता पुत्र शिवकुमार गुप्ता और ए एंड आर इंफ़्रा क़े प्रॉपराइटर आतिक इक़बाल जिले की बेतवा क़े कहटा हमीरपुर गाटा संख्या 1064 खण्ड संख्या 2 तरीबूलदा यमुना घाट की गाटा संख्या 36/1 खण्ड संख्या 1और क़े एम कार्स क़े निदेशक अजयपाल सिंह परमार पुत्र मंगल परमार निवासी छतरपुर एम पी क़े द्वारा चिरपुरा गाटा संख्या 104 खण्ड संख्या 2 का यह सब मिल कर जिले की खनन सम्पदा क़ो लूटने में लगे हुऐ है जबकि नियम है की किसी भी घाट पर खनन करने क़े दौरान संबंधित नदी की जल धारा क़ो नहीं छुआ जाएगा और ना हीं हैविबेट मशीनों का प्रयोग किया जाएगा। जिससे की पर्यावरण बिगड़ने की स्थिति पैदा हो सके। लेकिन इन फर्माे क़े द्वारा सभी शासन क़े नियमों क़ो ताख पर रख कर खनन एवं अन्य राजस्व अधिकारियो की मिली भगत क़े चलते अवैध तरीके से बालू का खनन किया जा रहा।वही ज़ब भी इस सम्बन्ध में खान अधिकारी या उनके अधीनस्थों से इस संबंध में बात करते है तो उनका कहना रहता है कि जो भी हो रहा है वह ठीक है।ऐसी स्थिति में अगर इसी तरीके से बेतवा नदी में इसी तरह अवैध खनन होता रहा और समय रहते इन बालू माफियाओ पर अंकुश नहीं लगाया गया तो दो जनपद की सीमा का विवाद एक समय पैदा होगा तब तक यह खनन कारोबारी यहां से रफू चककर हो चुके होंगे।
फोटो परिचय- बेतवा क़े कहटा हमीरपुर में नियमों की उड़ती धज्जियां

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