कानून हाथ में लेकर गुंडई स्टाइल में मारपीट करने वालेडॉक्टर ने पेशबंदी में पीड़ित के विरुद्ध लिखाई रिपोर्ट

 
माधौगढ़(जालौन)। कानून हाथ में लेकर गुंडई स्टाइल में मरीज के साथ मारपीट करने वाले सरकारी अस्पताल के डॉक्टर ने मरणासन्न हालत में घायल पत्रकार एवं उनके पिता के विरुद्ध पेशबंदी में फर्जी रिपोर्ट दर्ज कर दी है ।
माधौगढ़ कोतवाली अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र माधौगढ़ में दिनांक 25 मई को स्थानीय पत्रकार कुलदीप जाटव की सरकारी डॉक्टर हरिशरण प्रजापत एवं वार्ड बॉय तथा सिक्योरिटी गार्ड सहित पांच लोगों ने क्रूरता की सभी हदें पार करते हुए बर्बरता के साथ मारपीट कर मरणासन्न कर दिया था। इस घटना की एफआईआर 25 मई की रात 9:58 बजे मुकदमा अपराध संख्या 73/2025 बीएनएस की धारा 191 (2),115 (2) 352 ,351(3), एससी एसटी एक्ट 3(2) (Va) के तहत पंजीकृत किया गया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र माधौगढ़ के डॉक्टर हरिशरण प्रजापत ने अपने को कानूनी शिकंजे से बचने के लिए उक्त रिपोर्ट दर्ज हो जाने के बाद सोची समझी रणनीति के तहत एक घंटा बाद 25 मई को समय 22.55 बजे माधौगढ़ कोतवाली पहुंचकर अपने विरुद्ध लिखी रिपोर्ट की नकल करते हुए मारपीट की घटना में घायल पत्रकार कुलदीप एवं उसके पिता राजकुमार तथा एक किसी दीपक तथा अन्य दो अज्ञात लोगों अर्थात पांच लोगों के विरुद्ध मुकदमा अपराध संख्या 74/2025 में बीएनएस की धारा 191 (2),115 (2) ,352 ,351(3) ,121(1) ,132 के तहत अभियोग पंजीकृत करा दिया है ।
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*क्या डॉक्टर को कानून हाथ में लेने का अधिकार है*

 सरकारी डॉक्टर द्वारा मरीज कुलदीप एवं उनके साथ कथित रूप से चार लोगों के द्वारा अस्पताल में मारपीट करना सरकारी काम में बाधा का अपराध किया जाना बताया जा रहा है तो डॉक्टर को चाहिए था कि तत्काल पुलिस को सूचित कर उपद्रव करने वाले लोगों के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कराते, झगड़ा कर रहे कुलदीप को पकड़कर बैठा लेते और पुलिस के आने पर सुपुर्द कर कानूनी कार्यवाही करवाते । लेकिन जब ऐसा कुछ हुआ ही नहीं था तब डॉक्टर ऐसा कैसे कर पाते ? डॉक्टर और उनका स्टाफ तो कानून हाथ में लेकर खुली गुंडई पर आमादा था , जिस बेरहरु से डॉक्टर और उनके साथियों ने पत्रकार कुलदीप की मारपीट की है वह चिकित्सक जैसे महत्वपूर्ण व्यक्ति का अक्षम्य अपराध है।

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