दरोगा जितेंद्र का अंतिम संस्कार, अंत्येष्टि में आए लोगों ने व्यक्त की नाराजगी


उरई(जालौन)! 28 फरवरी से गायब दरोगा की लाश कालपी थाना क्षेत्र के ग्राम रायड़ दिवारा के जंगलों में यमुना किनारे बरामद होने के बाद आज पोस्टमार्टम के उपरांत क्षेत्राधिकारी अर्चना सिंह के नेतृत्व में पुलिस ने गॉड ऑफ ओनर  पेश किया इसके बाद दरोगा जितेंद्र कुमार दोहरे के अस्ति पंजर शव का  कोच रोड स्थित मोक्ष धाम उरई मैं अंतिम संस्कार कर दिया गया इस दौरान बड़ी संख्या में सजातीय बंधुओ के साथ ही राजनीतिक दलों समाजसेवियों ने उपस्थित रहकर मृत आत्मा की शांति के लिए कुदरत से प्रार्थना की लोगों ने उनकी मौत पर अफसोस जाहिर करते हुए पुलिस विभाग की लापरवाही पर भी सवाल खड़े किए!

   उल्लेखनीय कि  जनपद आगरा में पदस्थ जितेंद्र कुमार दोहरे सब इंस्पेक्टर 28 फरवरी को अपनी मां से स्टेडियम जाने की बात कहकर घर से निकले थे जिनका लोकेशन यमुना पुल के आगे तक ट्रेस हुआ उसके बाद से उनका कहीं कोई सुराग नहीं लग रहा था गुमशुदगी  दर्ज होने के बाद भी पुलिस हाथ पैर हाथ रखे बैठी रही यहां तक की अंतिम लोकेशन तक पुलिस ने किसी भी तरह की खोज भी नहीं की और कल शाम कालपी थाना क्षेत्र के ग्राम रायड दिवारा  के जंगल के पास यमुना के किनारे से गायब दरोगा का शव बरामद किया गया पोस्टमार्टम के बाद शव को उनके आवास पर लाया गया जहां क्षेत्र अधिकारी सिटी अर्चना सिंह के नेतृत्व में गार्ड ऑफ ओनर  पेश किया गया 
 मोक्ष धाम पर दरोगा जितेंद्र के गायब होने और मौत को लेकर मौजूद लोगों ने पुलिस की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े किये वरिष्ठ नेता कमल दोहरे, पूर्व जिला अध्यक्ष बहुजन समाज पार्टी संजय गौतम, धीरेंद्र चौधरी, सांसद प्रतिनिधि राजू अहिरवार वरिष्ठ नेता श्याम सुंदर चौधरी डॉक्टर देवेंद्र अहिरवार राजेश जाटव, संजय राय, आदि ने जितेंद्र की रहस्यमई मौत पर पुलिस की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े किए और इस मामले की गहराई से जांच करने की पुलिस प्रशासन से मांग की है 
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 पुलिस की लापरवाही पर सवाल
 दरोगा जितेंद्र के परिजनों एवं नातेदारों के साथ ही जनप्रतिनिधियों एवं समाजसेवियों ने पुलिस की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं इन लोगों का आरोप था कि जब जितेंद्र दोहरे के गायब होने के बाद आखिरी लोकेशन यमुना पुल के उस तरफ दर्ज की गई तो पुलिस ने दरोगा की लोकेशन के आसपास खोजबीन क्यों नहीं की और पुलिस अगर सूचना के तत्काल बाद सक्रिय हो जाती तो शायद जितेंद्र दोहरे को सही सलामत बचाया जा सकता था या उनके शव को सही सलामत बरामद किया जा सकता था 
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 लगातार हत्याओं पर दलित समाज में आक्रोश 
 जनपद में दलित समाज के व्यक्तियों की मौत को लेकर समाज के लोग पुलिस की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े कर रहे हैं उनका कहना है कि अभी तक रामपुरा थाना क्षेत्र के सिलुआ निवासी शिक्षा विद विद्या राम आजाद की हत्या का पुलिस अभी तक खुलासा नहीं कर पाए जबकि पुलिस भी मानती है और क्षेत्र के लोगों के दबी जुबान चीख चीख पुलिस की अब तक की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं दिख रही हैं गत दिवस  सैद नगर के समीप मिला शिक्षक के शव को लेकर लोगों में नाराजगी है अब दरोगा जितेंद्र कुमार दोहरे के मामले ने दलित समाज के साथ हो रही इस तरह की घटनाओं को लेकर आक्रोश भर दिया है 

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