लाखों का सामान जला, आग पर काबू पाने के लिए फायर ब्रिगेड की 4 गाड़ियां लगीं
कालपी(जालौन)। कालपी कोतवाली क्षेत्र में स्थित कागज फैक्ट्री में सोमवार दोपहर के समय अचानक आग लग गई। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया, जिससे कागज फैक्ट्री में काम कर रहे लोगों में अफरा-तफरी मच गई। आग की लपटें देख फैक्ट्री कर्मियों ने तत्काल दमकल कर्मियों को सूचना दी।
जानकारी मिलते ही कालपी, उरई और जालौन से 4 दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंची, जो आग बुझाने में जुटी हैं, लेकिन अभी तक फैक्ट्री में लगी आग को नहीं बुझाया जा सका, जिससे फैक्ट्री में रखा लाखों का सामान जलकर राख हो गया।कागज फैक्ट्री में आग लगने की घटना कालपी कोतवाली क्षेत्र के औद्योगिक क्षेत्र की है। यहां कागज फैक्ट्री स्थापित है। सोमवार दोपहर को जब कागज बनाने का काम हो रहा था तभी फैक्ट्री में अचानक आग लग गई। कागज और कच्चे माल होने की वजह से आग ने विकराल रूप ले लिया, देखते ही देखते आग की लपटें तीन मंजिला तक उठने लगी और इस आग ने आस पास के अन्य फैक्ट्री और कागज को अपनी चपेट में ले लिया, इसे देख फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूर दहशत में आ गए। उन्होंने सबमर्सिबल खोलकर आग पर काबू पाना चाहा, लेकिन काबू नहीं पा सके। तेजी से बढ़ती आग को देख फैक्ट्री में मौजूद मजदूरों ने दमकल कर्मियों को सूचना दी। सूचना मिलते ही दमकल की 4 गाड़ियां कालपी, उरई और जालौन से आग बुझाने के लिए घटना स्थल पर पहुंचीं। दमकल कर्मी अभी भी इस आग को बुझाने में जुट है, मगर अभी तक आग पर काबू नहीं पाया जा सका है, जिस कारण लाखों रुपए का कागज जो फैक्ट्री में रखा हुआ है जलकर खाक हो गया।
कच्चा माल भी जला
इतना ही नहीं इस आग से कच्चा माल भी जलकर राख हो गया है। वहीं आग का कारण अभी तक पता नहीं चल सका है। आग की घटना के बारे में कालपी के क्षेत्राधिकारी अवधेश कुमार चौहान ने बताया आग पर जल्द काबू पा लिया जाए, दमकल कर्मी आग बुझाने में में जुटे हुए हैं।
रेलवे अंडर पास के कारण नहीं पहुंच सकी बड़ी दमकल वाहन
आग लगने की सूचना मिलने पर फायर ब्रिगेड ने तत्काल कानपुर देहात से बड़ी फायर बिग्रेड को मौके पर बुलाया। जैसे ही फायर ब्रिगेड रेलवे अंडरपास के पास पहुंची तो अंडरपास सकरा होने के कारण घटना स्थल तक नहीं पहुंच सकी। काफी प्रयास करने के बावजूद जब फायर ब्रिगेड अंडरपास से नहीं निकल सकी तो जालौन तथा उरई से छोटी फायर बिग्रेड को मौके मौके पर बुलाया गया। अगर समय से बड़ी फायर बिग्रेड मौके पर पहुंच जाती तो लाखों रुपए की जनहानि होने से बच सकती थी। भविष्य में अगर आग की कोई बड़ी दुर्घटना होती है तो छोटी फायर बिग्रेड की मशीन ही मौके पर पहुंच सकेंगी।
पहले भी हो चुकी है आग लगने की घटनाएं
आग लगने की यह पहली घटना नहीं है 21-11-24 को शॉर्ट सर्किट से हाफिज अब्दुल रशीद की लँगरपुर स्थित कागज फैक्ट्री में आग लग गई थी, देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया था। जिसमें लाखों रुपए का नुकसान हुआ था। इसी प्रकार 31-5-2024 को तंजीम अहमद की उदनपुरा स्थित कागज फैक्ट्री सहित दो स्थानों में आग लग गई थी। आग का विकराल रूप देखते हुए उरई से फायर बिग्रेड की गाड़ियों को बुलाना पड़ा था, फायर कर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया था।
कागज फैक्ट्रियों में नहीं हैं आग बुझाने के इंतजाम
नगर व औद्योगिक एरिया में लगभग 25 से 30 कागज फैक्ट्रियां हैं जिनके पास आग बुझाने के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। अधिकतर फैक्ट्रियों के पास एनओसी नहीं है और कई फैक्ट्रियों में आग बुझाने वाले सिलिंडर भी नहीं लगे हैं। बीते दिनों हुई उद्योग बंधु की बैठक में जिलाधिकारी ने फैक्ट्री के भीतर ही हाइडेंट की व्यवस्था करने के निर्देश दिए थे, लेकिन किसी ने उसका पालन नहीं किया। यदि पालन किया होता तो आग पर जल्दी काबू पाया जा सकता था।
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