चिरपुरा मौरंग खंड संख्या 2 के संचालक ने मानकों की धज्जियां उड़ाई


उरई(जालौन)।  जे एम कोर्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम से चिरपुरा मौरंग खंड संख्या 2 की स्वीकृति हुई थी जिसके निदेशक अजय पाल सिंह परमार है जो मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के निवासी है । मौरंग खंड संचालन इन्हीं के द्वारा शुरू किया गया था शुरुवाती दिनों से ही संचालन संदिग्ध था । इस खंड में योगी  प्रशासन के  सारे नियमों को तोड़ना ही मकसद है, क्योंकि सरकार ने मौरंग चोरी रोकने के लिए सभी मौरंग खंडों में धर्मकांटा और सीसीटीवी लगाने के सख्त निर्देश दिए थे ।

 जिससे कि मौरंग चोरी ने कमी आ सके। जिसके लिए विभाग के मुखिया को खंड शुरू होने के पूर्व धर्मकांटा और सीसीटीवी देखकर ही प्रपत्र यानी एमएम11 जारी करना चाहिए़ था । अब ऐसा हुआ या नहीं ये तो विभाग को भी मालूम नहीं है । धर्मकांटा और सीसीटीवी का मकसद योगी सरकार ने इस लिए आवश्यक किया था कि पिछली सरकारों में मौरंग की भारी लूट के चलते काफी फ़जीयत झेलनी पड़ी थी । मौरंग की चोरी को रोकने के लिए धर्मकांटा और सीसीटीवी प्रत्येक खंड पर लगाना जरूरी किया गया था लेकिन यह नहीं हो सका जिससे मौरंग की चोरी धड़ल्ले से जारी है । इसके अलावा मौरंग को नदी के तल से उठाने के भी नियम है जिसको नजरअंदाज किया जा रहा है मौरंग नदी के तल से तीन मीटर से अधिक की गहराई तक ही निकाल सकते है। इसको भी ठेकेदार धता बता रहा है । पोकलैंड मशीनों से 20 से 30 फुट तक मौरंग खनन किया जा रहा है राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने जिस नियम को पूरे देश में लागू किया है । उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड के जालौन में ठेकेदार नजरअंदाज कर रहे है । चिरपुरा मौरंग खंड संख्या 2 में धर्मकांटा और सीसीटीवी को न लगाकर ठेकेदार के गुर्गे सरकार को करोड़ों की चपत लगा रहे है । रामू नाम का किराए का ठेकेदार सारे गलत कार्य का जिम्मा लेता है । सबसे बड़ी बात है जब भी प्रशासन ने सख्ती की है तब उनको बड़ी सफलता हासिल हुई है मौरंग खंड आने वाले ट्रकों की चेकिंग में आधा आधा  सैकड़ा गाड़ियां एक दिन में पकड़ी गई है तो फिर चेकिंग नियमित क्यों नहीं होती चेकिंग से सरकार को भारी राजस्व की प्राप्ति होती है लेकिन एआरटीओ चेकिंग को नियमित नहीं कर सकता । दूसरा खनन विभाग का विभागाध्यक्ष समय समय पर चेकिंग क्यों नहीं करता शायद पूरे वर्ष में विभाग के द्वारा किसी खंड में जाकर चेकिंग की गई हो इसी से बेफिक्र होकर ठेकेदार मनचाहा खनन कर रहा है, जिम्मेदार बेपरवाह होते दिखाई दे रहे है जिसके चलते सरकार को भारी राजस्व को चपत लगाने में ठेकेदार आगे दिख रहे है । इस संबंध में जब संवाददाता ने जिला खनिज अधिकारी शनि कौशल से मोबाइल नंबर 8885734825 पर बात करनी चाही तो उन्होंने फोन नहीं उठाया दो बार पूरी घंटी बजती है लेकिन खनिज अधिकारी फोन नहीं उठाते।
फोटो परिचय- बालू का अवैध खनन

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