घुरौली खंडसंख्या 26/8 घाट संचालक की दबंगई,अपने ही कर्मचारी को बंधक बनाकर पीटा


-उरई कोतवाली पुलिस की तत्परता से बची युवक की जान’
-कोंच के आशीर्वाद होटल की तरह हो सकता था हादसा बन जाता पार्ट-2 
( हिमांशु खरकया) 
उरई(जालौन)। जनपद जालौन में घाट संचालकों की दबंगई का एक बड़ा मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि एस.एस.के. देवकौन प्राइवेट लिमिटेड घूरौली चंदवारी के घाट संचालक योगेश सिंह कुशवाहा एवं आकाश सिंह कुशवाहा ने एक युवक को अगवा कर उसकी बेरहमी से पिटाई की। पुलिस प्रशासन की तत्परता से बड़ी घटना टल गई वरना कोच के चर्चित आशीर्वाद होटल कांड जैसी वारदात दोहराई जा सकती थी। मिली जानकारी के अनुसार इस समय जो घाट संचालन कर रहा

 कुलदीप तिवारी द्वारा अंकित कुमार पुत्र वीरेंद्र निवासी भिंड (मध्यप्रदेश) को बुलाकर कहा कि “चलो उरई, तुम्हारा हिसाब कर देते हैं।” इसके बाद कुलदीप तिवारी बोलेरा गाड़ी से अंकित को उरई के सुशील नगर बॉबी भदौरिया( जो कि घाट में पार्टनर बताया जा रहा है) के यहां ले जाया गया जहां उसकी जमकर पिटाई की गई। आरोप है कि घाट संचालक और उसके साथियों ने अंकित पर “घोटाला” करने का आरोप लगाते हुए बुरी तरह मारा-पीटा। मारपीट के बाद युवक को कोंच बस स्टैंड स्थित मामा गैराज के पास ले जाया गया जहां फिर से उसे पीटा गया। आरोपी कह रहे थे कि “तुमने हमारे साथ हेराफेरी की है।” किसी तरह अंकित ने अपने परिजनों को सूचना दी। सूचना मिलते ही परिजन पुलिस को साथ लेके मौके पर पहुंचे और युवक को बंधनमुक्त कराया। पीड़ित युवक के मुताबिक उस समय मौके पर करीब 20-25 लोग नशे में धुत होकर युवक के साथ मारपीट कर रहे थे। पुलिस ने युवक की डॉक्टरी करवाकर गम्भीर धाराओं में मुकदमा संख्या 649/25 बी एन एस की धारा 115(2),352,351(3) में दर्ज कर लिया गया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि एस.एस.के. देवकौन प्राइवेट लिमिटेड की ओर से घाट संचालन का कार्य भले ही हमीरपुर में किया जाता है लेकिन कंपनी का ऑफिस उरई में स्थित है। कुछ दिन पहले चंदवारी-घुरौली घाट बंद होने के बाद से घाट संचालकों का गुट आपसी विवाद और हिसाब-किताब को लेकर विवादों में आ गया था। विशेष सूत्रों के अनुसार घटना के समय घाट संचालन कर रहे बॉबी भदौरिया, कुलदीप तिवारी और अन्य सहयोगी मौजूद थे। उन्होंने 12 से 15 लोगों को अपने परिसर में बंद कर रखा था। अंकित के साथ मारपीट करने वालों में से कई नशे में थे। मौके पर मौजूद लोगों ने जब विरोध किया तो उन्हें भी धमकाया गया। सूत्रों का कहना है कि राजनीतिक दबाव के चलते पुलिस ने धाराएं हल्की रखीं क्योंकि घाट संचालक कुछ सत्ताधारी नेताओं के करीबी बताए जा रहे हैं।
फोटो परिचय- दबंगई का शिकार हुआ कर्मचारी

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