(रामकुमार शर्मा)
बरसाना। पांच दिन के इंतजार के बाद राधारानी की नगरी में आस्था की डोर फिर हवा में झूल उठी। रोपवे की केबिनें जैसे ही चलनी शुरू हुईं, जय राधे की गूंज से आसमान भर गया। श्रद्धालुओं के चेहरों पर लौट आई मुस्कान ने बरसाना की चहल पहल को फिर से जीवंत कर दिया। ऊपर भक्तों की उड़ान और नीचे रंग-बिरंगे बाजारों की हलचल बरसाना अब सचमुच राधारानी के उत्सव में नहाया हुआ है।
शनिवार सुबह से ही भक्तों की भीड़ मंदिर की ओर उमड़ पड़ी। बुजुर्गों और महिलाओं के लिए रोपवे ने दर्शन को पहले से कहीं अधिक सहज बना दिया है। हवा में झूलते भक्त राधे राधे कहते हुए जब ऊपर से बरसाना का नज़ारा देखते हैं, तो नगर की गलियों में उमड़ती भीड़ और सजावट का रंगीन नज़ारा हर किसी का मन मोह लेता है।
बाजारों में भी दीपावली की तैयारियों ने जोर पकड़ लिया है। राधारानी मंदिर मार्ग से लेकर मुख्य चौक तक मिठाई, पूजा सामग्री, चुनरी और सजावटी सामान की दुकानों पर खरीदारों की भीड़ लगी है। व्यापारियों का कहना है कि “रोपवे बंद होने से कारोबार पर असर पड़ा था, अब दोबारा शुरू होने से फिर वही पुरानी रौनक लौट आई है।”
कटारा पार्क और सुदामा चौक के आसपास दुकानों में सुबह से श्रद्धालुओं की हलचल बनी रही। प्रसाद, माला खरीदते भक्तों की कतारों से पूरा नगर जीवंत हो उठा। हवा में मिलती मिठाई की खुशबू और भक्तों की आवाज़ें एक साथ बरसाना के माहौल को भक्ति से सराबोर कर रही हैं।रोपवे संचालकों के अनुसार, दीपावली से पहले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। प्रशासन ने सुरक्षा और सुविधा के लिए अतिरिक्त कर्मचारी तैनात किए हैं ताकि हर दर्शन करने वाला बिना परेशानी के राधारानी के दरबार तक पहुंच सके।बरसाना इस समय सच में राधारानी के रंग में रंगा है।ऊपर आस्था की उड़ान है, नीचे सजे-धजे बाजारों की मुस्कान। भक्ति और उल्लास के इस संगम ने बरसाना को फिर से जगमग कर दिया है।
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