दो दिवसीय बंडर बॉक्स प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित


आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों तथा शिक्षकों ने लिया हिस्सा 
कालपी(जालौन)। नैनिहालों की प्राथमिक शिक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं तथा शिक्षकों को ब्लॉक संसाधन केंद्र कालपी पर दो दिवसीय वंडर बॉक्स प्रशिक्षण कार्यक्रम खंड शिक्षाधिकारी सुनील कुमार राजपूत की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। प्रथम चरण में 26 आंगनवाड़ी कार्यकर्तियों एवं नोडल शिक्षकों ने हिस्सा लिया।

खंड शिक्षा अधिकारी सुनील कुमार राजपूत ने बताया कि प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों को नवीनतम शिक्षण तकनीकों से परिचित कराना है। इससे कक्षा में पढ़ाई को अधिक प्रभावी और रोचक बनाया जा सकेगा। कार्यक्रम में प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालयों के शिक्षक शामिल हुए। प्रशिक्षकों ने वंडर बॉक्स की विशेषताओं और इसके शैक्षणिक महत्व पर विस्तार से जानकारी दी। यह नवाचार पूर्ण शिक्षण सामग्री छात्रों को सरल और रुचिपूर्ण तरीके से सीखने में मदद करेगी। नई शिक्षा नीति 2020 के तहत बेसिक शिक्षा में बाल वाटिका और आंगनबाड़ी की भूमिका को महत्वपूर्ण माना गया है। प्रशिक्षण में वंडर बॉक्स और अन्य शैक्षणिक सामग्रियों के प्रभावी उपयोग पर जोर दिया जा रहा है।खंड शिक्षा अधिकारी ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों में बाल वाटिका के लिए निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप बच्चों को तैयार करना जरूरी है। यह प्रशिक्षण शिक्षकों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा। उन्होंने शिक्षकों से इस तकनीक का अधिक से अधिक उपयोग करने का आग्रह किया।  प्रशिक्षण एआरपी राजकुमार सिंह एवं मनीष राज ने दिया। उन्होंने प्रशिक्षण में कहा वंडर बॉक्स आईआईटी गांधीनगर के सहयोग से बनाया गया है।वंडरबॉक्स एक अनूठा शिक्षण और नवाचार उपकरण है। जिसे रचनात्मकता, समस्या-समाधान और वैज्ञानिक खोज को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह प्रशिक्षण शिक्षकों, शोधकर्ताओं, छात्रों और तकनीकी विशेषज्ञों के लिए उपयोगी होगा, जो व्यावहारिक शिक्षा और नवाचार को अपनाने में रुचि रखते हैं। छात्र वंडर बॉक्स की सामग्री से कम समय में सीख सकते है जिससे उनका आई क्यू बढ़ता है। खेल-खेल में छात्र में सीखने की क्षमता का विकास होता है वंडर बॉक्स एक जादू का पिटारा है।
फोटो परिचय-प्रशिक्षण देते खंड शिक्षाधिकारी 

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