नमाज के दौरान अमीर गरीब छोटे-बड़े एक ही पंक्ति में खड़े होते हैं तो सामाजिक समानता और एकता का प्रतीक बन जाती है-शेरवानी


(राकेश कुमार) 
आगरा(उत्तर प्रदेश)!आमतौर पर नमाज को केवल एक धार्मिक इबादत के रूप में देखा जाता है लेकिन इसके पीछे गहरी दार्शनिक और सामाजिक पहलू भी हैं नमाज व्यक्तिगत इबादत के साथ-साथ एक सामूहिक गतिविधि भी है जब लोग मस्जिद में इकट्ठा होकर एक पंक्ति में खड़े होते हैं तो यहां सामाजिक समानता और एकता का प्रतीक बन जाती है इसमें अमीर गरीब छोटे-बड़े सभी एक ही पंक्ति में खड़े होते हैं इसमें भेदभाव की भावनाएं मिट जाती हैं!

उक्त विचार वंचितसमाज इंसाफ पार्टी के राष्ट्रीय सचिव
 फतेहपुर सीकरी लोकसभा क्षेत्र से पूर्व सांसद प्रत्याशी एडवोकेट नवाब गुल चमन शेरवानी ने वंदे मातरम यूथ ब्रिगेड दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के उपाध्यक्ष सैयद आरिफ अहमद के निवास पर हुई रोज आफतर की दावत में रखें
श्री शेरवानी ने कहा कि नमाज केवल अल्लाह से जुड़ने का जरिया नहीं है यह एक दूसरे से मिलने और जुड़ने का अवसर भी देती है नमाज से पहले और बाद में मुसलमान एक दूसरे से मिलते हैं हाल-चाल पूछते हैं जिससे समाज में आपसी सहयोग और समर्थन की भावना बढ़ती है यह सामाजिक ताने वाले को मजबूत करता है और लोगों को एक दूसरे के करीब लाता है नमाज केवल एक धार्मिक कर्तव्य नहीं है बल्कि यह समझ में एकता सहयोग और आपकी प्रेम को बढ़ाने का माध्यम भी है यह उन विचारों का विरोध करती है जो मनुष्य को अलग बात और भेदभाव की ओर ले जाता है इसके स्थान पर सामूहिक ता भाईचारा और सहनुमति को बढ़ावा देती है 
रोजा इफ्तार के दौरान सैयद रज्जबअली  वाजिद अब्बास शराफत अली सलमान मलिक साकिर हुसैन सैयद यूसुफ शाह नदीम नूर अंसार अहमद में ताहिर खान नवीन पोरवाल सोनू अग्रवाल एडवोकेट अच्छे खान गुड्डू राजेश गौतम गुलबतन शेरवानी रईस कुरैशी अछनेरा वाले फुरकान सलमानी ताजुद्दीन सैफी रसीद अब्बास शरीफ मुल्लाजी जावेद अली शाकिर  अली मोहम्मद शफीक अल्वी आदि लोग उपस्थित थे

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