0 तथागत सम्राट महान सामाजिक महापुरुषों का विचार संघ ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौपा एसडीएम को
कोंच(जालौन)। तथागत सम्राट महान सामाजिक महापुरुषों का विचार संघ द्वारा दिन मंगलवार को महामहिम राष्ट्रपति को सम्बोधित एक ज्ञापन उपजिलाधिकारी ज्योति सिंह को सौंपते हुए बताया कि सम्राट अशोक द्वारा तीसरी शताब्दी ईशा पूर्व बनाई गई तथागत बुद्ध ज्ञान स्थली महा बोधि महाबिहार बौद्धगया को सन 1980 में सर अलेक्जेंडर कालिगम ने इसी जगह को खोजकर पुनः जीर्णाेद्वार कराया एवं 10 दिसम्बर 1948 को संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा स्वीकृत मानव अधिकार के घोषणा पत्र में प्रत्येक मानव को पूजा श्रद्धा उपासना का अपना अधिकार होगा और जहां जिसका प्रार्थना या पूजा स्थल है।
उसी धर्म का स्वामित्व या संचालन का भी अधिकार होगा सन 2002 में यूनिस्को ने महा बोधि महा बिहार को विश्व धरोहर के रूप में मान्यता दी भारत में सभी धर्मों के प्रार्थना या पूजा स्थल की देखरेख की जिम्मेदारी उसी धर्म के अनुयाइयों की है। जिसमें मन्दिर-ब्राह्मण हिन्दू समाज मस्जिद- मुस्लिम समाज गुरुद्वारा सिख समाज चर्च या गिरजाघर-ईसाई समाज अग्नि मन्दिर-पारसी समाज यहूदी मन्दिर-यहूदी समाज जैन मन्दिर-जैन समाज बौद्ध स्तूप या बौद्ध विहार-इसी प्रकार देखरेख व संचालन की जिम्मेदारी बौद्ध समाज की होना चाहिए ब्रिटिश हुकूमत का 1949 बी टी एम सी एक्ट के द्वारा महाबोधि महाविहार बौद्धगया की 9 लोगों की संचालन समिति में चार बौद्ध चार ब्राह्मण एवं एक पदेन अध्यक्ष जिला गया के हिन्दू जिलाधिकारी को रखा गया है यह बौद्ध समाज के साथ इंसाफ नहीं है। विचार संघ ने ब्रिटश हुकूमत का 1949 बीटी एमसी एक्ट को हटाकर महाबोधि महाविहार बौद्धगया की संचालन समिति में बौद्ध समाज को रखे जाने की मांग की है। इस दौरान उमाचरण कुशवाहा बुद्धान्स ममता कुशवाहा जाहर सिंह कुशवाहा एडबोकेट विजय सिंह बिनोद कुशवाहा जितेंद्र कुशवाहा एडबोकेट जागेश्वर कुशवाहा सुनील कुशवाहा उमाशंकर जाटव मिश्रीलाल मनोज कुमार गौतम शिव कुमार हरचरन प्रेम सिंह गोलू गुर्जर सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
फोटो परिचय-एसडीएम को ज्ञापन सौपते संगठन के पदाधिकारी
फोटो परिचय-एसडीएम को ज्ञापन सौपते संगठन के पदाधिकारी
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